Maharashtra Breaking : महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से जमीन पर अतिक्रमण को लेकर बवाल मचा हुआ है। हर ओर इस बात की खूब चर्चा हो रही है| लेकिन अब नई शिंदे सरकार ने सराहनीय फैसला लिया है कि गयारान की जमीन से अतिक्रमण नहीं हटाया जाएगा।
उक्त निर्णय कल हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया है| सरकार जानती है कि गैरां की जमीन पर गरीबों का कब्जा इच्छा से नहीं बल्कि रहने के लिए आश्रय के रूप में है। इससे निश्चित रूप से राज्य के लाखों गरीबों के घर बचेंगे।
वन मंत्री सुधीरभाऊ मुनगंटीवार के फॉलोअप के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस मुद्दे को उठाया। कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे पर गहन चर्चा हुई और चर्चा के बाद तय हुआ कि गायरान की जमीन से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सकता| इस फैसले से प्रदेश के करीब ढाई लाख गरीब परिवारों को लाभ होगा।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने गयारान की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी किया था| सुप्रीम कोर्ट का आदेश जारी होने के बाद से राज्य के राजस्व विभाग ने गायरान की जमीन पर कब्जा करने वालों को नोटिस जारी किया था| हालांकि सामाजिक कारणों और राजनीति से यह कहा गया कि गरीबों के घर हटाकर उन्हें बेघर करना ठीक नहीं है|
इसके लिए विभिन्न स्तरों से सरकार को अभ्यावेदन दिया गया था। मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने भी गैरां की जमीन, गरीबों के बनाए मकानों पर कब्जा बरकरार रखने पर जोर दिया। राज्य सरकार ने भी इस बारे में सकारात्मक सोचा और खुद मुख्यमंत्री शिंदे ने आश्वासन दिया कि गैरां की जमीन पर किसी का घर नहीं बनाया जाएगा|
राज्य सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी। साथ ही टेस्टिंग की जा रही है कि गायरान की जमीन पर गावथनपट्टे बनाए जाएंगे या नहीं। इसका मतलब यह है कि राज्य सरकार कोर्ट में भी लड़ने को तैयार है और राज्य सरकार दूसरे विकल्पों पर भी विचार कर रही है|
एक आंकड़े के अनुसार प्रदेश में 2 लाख 22 हजार 382 लोगों के आवास खाली जमीन पर बने हैं। हाथ पर पेट पालने वाले और रोज काम पर जाने वाले इन लोगों ने सिर पर छत के लिए कई साल पहले गैरां की जमीन पर अपना घर बना लिया है|
इस वजह से ऐसे गरीबों के घरों को गिराना उचित नहीं है, इसलिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी| अब इस संबंध में जिन लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं, उन्हें नोटिस वापस लिया जा रहा है। निश्चित रूप से प्रदेश के लाखों परिवारों को इससे लाभ होगा।