Pomegranate Farming : पिछले कई सालों से किसान राज्य में उत्पादन बढ़ाने के लिए तरह-तरह के प्रयोग कर रहे हैं| आय में वृद्धि के अनुरूप, राज्य के किसानों ने पिछले कुछ वर्षों में बड़े पैमाने पर अनार की खेती शुरू की है, जो एक बाग की फसल है। लेकिन आय में वृद्धि के अनुरूप किया गया यह प्रयोग किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है।
साथियों, अनार उत्पादक संघ ने इस वर्ष मृग बहार में अनार उत्पादन में 70 प्रतिशत की गिरावट की आशंका व्यक्त की है। इसी के चलते तस्वीर है कि, अनार उत्पादक किसान भाई परेशानी में आ गया है| साथियों, इस वर्ष न केवल मृग बहार में अनार का उत्पादन कम हुआ है, बल्कि पिछले चार वर्षों से मृग बहार में अनार का उत्पादन घट रहा है।
इस साल भारी बारिश और वापसी की बारिश से अनार की फसल पर तरह-तरह की बीमारियां देखने को मिली हैं| इस वर्ष वर्षा की अनियमितता के कारण अनार की फसल सड़न एवं तेल रोग से पीड़ित है। नतीजतन, अनार के उत्पादन में गिरावट आई है। दोस्तों, इस समय हम आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि, अनार का सबसे ज्यादा उत्पादन महाराष्ट्र के मृग बहार में होता है।
लेकिन पिछले तीन साल से मृग बहार में अनार का उत्पादन घटने के बाद से इस साल मृग बहार में अनार के रकबे में कमी आई है| उपलब्ध जानकारी के अनुसार इस वर्ष मृग बहार में 30000 हेक्टेयर क्षेत्र में अनार का उत्पादन किया जा रहा है| दोस्तों, दरअसल इस साल भारी बारिश और उसके बाद हुई बारिश से अनार की फसल को काफी नुकसान हुआ है। इससे अनार का उत्पादन कम हुआ है।
फिलहाल मृग बहार में अनार के बाग की कटाई शुरू हो गई है| अनार का बाजार भाव अभी 100 रुपये किलो से लेकर 150 रुपये किलो तक है। हालांकि मौजूदा बाजार भाव अच्छा है, लेकिन कीमतों में बढ़ोतरी का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है क्योंकि उत्पादन कम हो गया है। कुल आय में वृद्धि के अनुरूप अनार की खेती के प्रयोग को किसानों ने अपनाया है।