Ahmednagar Breaking : गन्ना राज्य की प्रमुख बागवानी फसल है। राज्य के अधिकांश किसानों की अर्थव्यवस्था इसी फसल की खेती पर निर्भर करती है। राज्य के उन गन्ना किसानों को सब्सिडी दी गई जिनका मई और जून के महीने में गन्ना बर्बाद हो गया था। साथियों, दरअसल पिछले सीजन में अधिशेष गन्ने का मुद्दा चर्चा में था।
मई व जून माह तक राज्य के कई जिलों जैसे बीड, उस्मानाबाद, अहमदनगर आदि के गन्ना जमीन में खड़ा था| ऐसे में किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इसके चलते राज्य सरकार ने उन किसानों को सब्सिडी देने का फैसला किया है जिनका मई और जून के महीने में गन्ना काटा गया है| उस समय राज्य में ठाकरे की सरकार थी।
पिछली ठाकरे सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय निश्चित रूप से गन्ना किसानों और उद्योगपतियों के लिए राहत की बात थी। तत्कालीन ठाकरे सरकार ने गन्ना स्क्रीनिंग सब्सिडी के रूप में किसानों को प्रति टन दो सौ रुपये की सब्सिडी देने का फैसला किया था। हालांकि कहा जाता है कि, अहमदनगर जिले के ज्यादातर किसानों को सब्सिडी नहीं मिली है|
इसलिए, गन्ना सब्सिडी प्राप्त करने के लिए श्रीरामपुर तालुका के तकलीभान में लोकसेवा विकास अघाड़ी की ओर से राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल को एक बयान दिया गया है। उक्त बयान में दी गई जानकारी के अनुसार जिन गन्ना किसानों का गन्ना मई व जून माह में गया है, उन्हें अब तक 200 रुपये प्रति टन की अतिरिक्त गन्ना जांच सब्सिडी नहीं मिली है|
तालुका की अशोक शुगर फैक्ट्री लिमिटेड ने दस्तावेजों को पूरा कर लिया है और उक्त दस्तावेज चीनी आयुक्त को भेज दिए गए हैं। इसके चलते उक्त सब्सिडी जल्द से जल्द किसानों के खाते में जमा की जाए। इस बयान में ऐसी मांग की गई है। इसी के चलते अब सबका ध्यान इस बात पर है कि, राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल इस बयान पर क्या फैसला लेते हैं|